Tuesday, January 2, 2018

सरस्वती वन्दना


 

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥

जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि औरमोती के हार की तरह धवल वर्ण की है और जो श्वेत वस्त्र धारण करतीहै, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों परआसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वाराजो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वालीसरस्वती हमारी रक्षा करें ॥1॥

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