Sant Kabirdas was a weaver by profession and acted as teacher and a social reformer by the medium of his writings. His dohe are full of meaning and teachings. He believed God is one and people just worship Him with different names.
Below are some of his famous couplets with their meaning.
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर ॥
नुसती उंची किवा वय वाढून काय उपयोग ?
खजुराच्या झाडाची ना कोणाला सावली मिळते ना फळ हाताशी लागते !
कबीर कहते हैं, कि सिर्फ बड़े होने से कुछ नहीं होता. उदाहरण के लिए खजूर का पेड़, जो इतना बड़ा होता है पर ना तो किसी यात्री को धूप के समय छाया दे सकता है, ना ही उसके फल कोई आसानी से तोड़ के अपनी भूख मिटा सकता है .
It is no use being very big or rich if you cannot do any good to others. For example, Palm tree is also very tall, but it is of no use to a traveller as it provides no shade and the fruit is also at the top, so no one can eat easily.
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साँई इतना दीजिए जामें कुटुंब समाय ।
मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भुखा जाय॥
मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भुखा जाय॥
परमेश्वरा इतकेच दे कि कुटुंबाचा उदरनिर्वाह व्यवस्थित होईल
मी पण उपाशी राहणार नाही आणि आलेला एखादा पाहुणा हि तृप्त होईल !
कबीर कहते हैं, कि हे भगवान् मुझे ज्यादा नहीं चाहिए. बस इतना दीजिये,जिस में उसके परिवार का भरण-पोषण हो जाए. और यदि कोई अतिथि आये, तो उसका सत्कार भी कर सके.
Kabir request God to give only as much so that he can feed his family and if any guest comes he should be able to feed him too. It means, you should only have what you need, no use having too much.
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माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय ॥
माती म्हणते कुंभाराला ; आता तू मला पायाखाली तुडवतोयास!
एक दिवस असा येईल (मरणानंतर ) तू माझ्या खाली असशील !
मिटटी कुम्हार से कहती है कि आज तो तू मुझे पैरों के नीचे रोंद रहा है . पर एक दिन ऐसा आएगा जब तू मेरे नीचे होगा और मैं तेरे ऊपर होउंगी . अर्थात मृत्यु के बाद सब मिटटी के नीचे ही होते हैं .
Soil tells the pot maker, you think you are kicking me and kneading me with your feet. There will be a day when you will be below me (after death) , I will knead you.
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माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥
माळेचे मणी फिरवत आयुष्य काढलस तरी मनाचा एक फेरा सुधा होणार नाही
हि कर्मकांड सोडून दे आणि मनातली अशुद्धता काढून टाक!
ये उन लोगों के ऊपर कटाक्ष है जो धर्मभीरु होते हैं. कबीर कहते हैं कि माला फेरने से कुछ नहीं होता. धर्मभीरुता छोड़ के अपने मन को बदल.
This is sarcasm on people who follow religion blindly. Kabir says, you spent your life turning the beads of rosary, but could not turn your own heart. Leave the rosary and try and change the evil in your heart.
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गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
गुरु आणि परमेश्वर उभे असले तर कोणाचे पाय धरू ?
गुरूचेच पारडे जड राहील कारण त्याच्यामुळेच परमेश्वराचे दर्शन घडले !
कबीर कहते हैं की गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर है. यदि दोनों एक साथ खड़े हो तो किसे पहले प्रणाम करना चाहिए. किन्तु गुरु की शिक्षा के कारण ही भगवान् के दर्शन हुए हैं.
Here Kabir says Teacher is even greater than God. He says, if teacher and God are both in front of me, who will I greet first. He then says, it is only because of teacher's teaching that I am able to see God.
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कबीरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर.
ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर.
ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर.
कबीर उभा बाजारात ; सगळ्यांचे भले व्हावे हि मागणी मागतोय
ना कोणाबरोबर दोस्ती ; न कोणाबरोबर वैर~
कबीर कहते हैं की सबके बारे में भला सोचो . ना किसी से ज्यादा दोस्ती रखो और ना ही किसी से दुश्मनी रखो.
Kabir says that you should always think well of everyone. Do not be over-friendly with anyone nor should you be hostile to anyone.
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कहे कबीर कैसे निबाहे , केर बेर को संग
वह झूमत रस आपनी, उसके फाटत अंग .
वह झूमत रस आपनी, उसके फाटत अंग .
कबीर म्हणतो केळी आणि बोराचे झाड एकत्र कसे नंदू शकतील ?
बोरीचे झाड वार्याने झुलायला लागले कि (काट्यांमुळे ) केळीला फाडून टाकते !
कबीर कहते हैं कि भिन्न प्रकृति के लोग एक साथ नहीं रह सकते. जैसे केले और बेर का पेड़ साथ साथ नहीं लगा सकते. क्योंकि हवा से बेर का पेड़ हिलेगा और उसके काँटों से केले के पत्ते कट जायेंगे.
Kabir says people of different nature cannot live together. As if Banana and Ber trees are planted near each other, Ber tree will swing in air and banana tree leaves will get torn by its thorns.
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पाथर पूजे हरि मिले , तो मैं पूजू पहाड़ .
घर की चाकी कोई ना पूजे, जाको पीस खाए संसारमू
घर की चाकी कोई ना पूजे, जाको पीस खाए संसारमू
मूर्तीची पूजा करून देव प्रसन्न होत असेल तर मी पहाडाची पूजा करीन
घराचे जाते सगळ्यांना पीठ पुरवून अन्न देते ; पण त्याची पूजा मात्र कोणी करत नाही !
कबीर कहते हैं कि यदि पत्थर कि मूर्ती कि पूजा करने से भगवान् मिल जाते तो मैं पहाड़ कि पूजा कर लेता हूँ .उसकी जगह कोई घर की चक्की की पूजा कोई नहीं करता , जिसमे अन्न पीस कर लोग अपना पेट भरते हैं .
Kabir says people worship idols made from stone. If it was possible to reach God this way, he would worship a Hill.
Unfortunately none worships home flour mill (chakki) which gives us the flour to eat.
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दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय |
मरी खाल की सांस से, लोह भसम हो जाय ||
मरी खाल की सांस से, लोह भसम हो जाय ||
दुबळ्यांना त्रास देऊ नका ; त्यांचा शाप वाईट असतो
मेलेल्या जनावराची चरबी जाळल्या नंतर लोखंड सुधा वितळून जाते !
कबीर जी कहते हैं किसी को दुर्बल या कमज़ोर समझ कर उसको नहीं सताना चाहिए, क्योंकि दुर्बल की हाय या शाप बहुत प्रभावशाली होता है. जैसे मरे हुए जानवर की खाल को जलाने से लोहा तक पिघल जाता है.
Kabir says that you should not oppress somebody weak thinking that person cannot do you any harm. Weak person's curse can do you great harm just like hide from a dead animal can melt even iron.
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तिनका कबहूँ न निंदिये जो पावन तर होए
कभू उडी अँखियाँ परे तो पीर घनेरी होएदु
कभू उडी अँखियाँ परे तो पीर घनेरी होएदु
दुर्बलांना पायाखाली तुडवू नका ; त्यांनी प्रतिकार केलाच तर मोठी इजा होते
धूळ चुकून डोळ्यात गेली ; तर आग खूप होते !
कबीर कहते हैं कि किसी तिनके को पावों के नीचे नहीं रौंदना चाहिए अर्थात किसी दुर्बल, असहाय के ऊपर अत्याचार नहीं करना चाहिए क्योंकि जब दुर्बल उठ के वार करेगा तो बहुत पीड़ा होगी, जैसे तिनका यदि आँख में उड़ के चला जाए तो बहुत व्यथा होती है.
Kabir says that you should not oppress the weak, as you should not trample a speck because when that weak person counter-attacks , it will be very painful just like a speck of dust in eye can cause a lot of discomfort.
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