मन क्यों बहका री बहका, आधी रात को बेला महका री महका, आधी रात को किस ने बन्सी बजाई, आधी रात को जिस ने पलकी चुराई, आधी रात को झांझर झमके सुन झमके, आधी रात को उसको टोको ना रोको, रोको ना टोको, टोको ना रोको, आधी रात को लाज लागे री लागे, आधी रात को देना सिंदूर क्यों सोऊँ आधी रात को बात कहते बने क्या, आधी रात को आँख खोलेगी बात, आधी रात को हम ने पी चाँदनी, आधी रात को चाँद आँखों में आया, आधी रात को रात गुनती रहेगी, आधी बात को आधी बातों की पीर, आधी रात को बात पूरी हो कैसे, आधी रात को रात होती शुरू हैं, आधी रात को
गीतकार : वसंत देव, गायक : आशा भोसले - लता मंगेशकर, संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, चित्रपट : उत्सव (१९८४)
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